hindi story of love - इंटरनेट के जरिये प्यार की कहाणी



 मै एम बी ए की पढ़ाई कर रहा था, उसी दौरान खाली समय में मैं गूगल टॉक के जरिये लोगों से बात किया करता था, मेरा ज्यादातर समय एच आर से बात कियाकरता था,इससे मुझे इंटरव्यू का टिप्स और जॉब के बारे में पता चलता था|

 मेरे इतने फ्रेंड बन गए थे,जिसकी वजह सेमैं निश्चिंत हो गया था,क्योंकि बहुत सारेफ्रेंड ने मुझे अपने ही कंपनी में जॉब देनेकी बात कह डाली थी, मैंने पूरा फोकसअब पढ़ने पर लगा दिया था,इसी दौरन मेरी  बात एक लड़की, जिसका नाम स्वेता था, गुगल टाक से बात होने लगी वो पुणे में एक कंपनी में एचआर थी।

 उसने मुझे पूरा विश्वास दिला दिया था कि कोर्स पूरा करने के बाद मैं पुणे आ जाऊँऔर वो मुझे अपनी कंपनी में जॉब दे देगी, उससे लगातार बात करने के बाद मैंने बाकि फ्रेंड से बात करना बंद कर दिया था,मैंपढ़ाई से समय निकाल कर रोज उससे बातकरता था|

 बात करते करते कब मैं उससे प्यार करने लगा मुझे खुद पता नहीं चला,6 महीनेलगातार बात करने की वजह से स्वेता भीमुझसे प्यार करने लगी थी,ऐसा जान पड़ता था कि हम दोनों एक दूसरे को काफी सालो से जानते हैं।

 

अब मैं उससे बिना बात किये रह नहीं पताथा, स्वेता भी मेरा इंतजार करती थी, हमदोनों एक दूसरे से 2 -3 घंटे रोज बातकरते थे। मैं भी जॉब के लिए पक्का मानकर,पढ़ाई पर ध्यान देना कम कर दिया था।

 वो कहते हैं ना प्यार अँधा होता है, इसीअंधपन में मैंने उससे कभी उसका मोबाइलनंबर नहीं लिया था,क्योंकि रोज चैट केजरिये बात हो ही जाती थी। 

एक दिन मैंने पूछा अगर एग्जाम में मुझे मार्क्स कम मिलेतो क्या तुम्हारी कंपनी मुझे रख लेगी, इसपर स्वेता ने बोला,तुम टेंशन मत लो, सिर्फपास कर जाओ,मैं तुम्हारा जॉब लगवा दूंगी, फिर उसने बोला अभी आ जाओ अभीतुम्हारा जॉब लगवा देती हूँ, मैंने कहा अभीमैं बैंगलोर में हूँ, पुणे कैसे आ सकता हूँ, पढ़ाई खतम करने के बाद आ जाऊंगा।

 फिर मैंने उससे पूछा मैं पुणे में किसी कोनहीं जनता, रहूँगा कहाँ? इस पर हॅसते हुए उसने बोला तुम मेरे यहाँ रहना, मैंने पूछातुम्हारे फॅमिली मेंबर को समस्या नहीं होगी|

 

उस पर उसने कहा कि वो अकेले फ्लैट लेकर रहती है और मेरे बारे में उसके फॅमिली मेंबर जानते हैं, उसने मेरे बारे में अपनेफॅमिली मेंबर को बता दिया है, मैंने पूछाक्या बताया है, इस पर उसने बोला कि मैं उसका दोस्त हूँ।

 मुझे जान कर ताज्जुब हुआ कि भला कोई लड़की अपने फॅमिली मेंबर को सिर्फ दोस्ती है तो क्यों बताएगी? इसका जवाब मुझे नहीं मिल पाया,लेकिन मैं खुश था कि पढ़ाई पूरी होते ही मुझे जॉब मिल जायेगा,रहने का व्यवस्था भी हो गया और सबसे बड़ी बात मुझे एक अच्छी लाइफ पार्टनर भी मिलजाएगी।

 
इसी बीच मेरे एग्जाम आ गए और मैंने जब स्वेता को बताया तो उसने मुझे पूरा फोकस एग्जाम पर देने को बोला,क्योंकि ये फाइनल ईयर का एग्जाम था, उसके बाद मुझे पुणे जाना ही था, एग्जाम के चक्कर में मैं उससे ना ही एड्रेस पूछ पाया ना ही उसकामोबाइल नंबर ले पाया ।

 
एग्जाम खत्म हो गया और मेरा एग्जामबहुत अच्छा गया, ये खुशखबरी देने के लिएमैंने गूगल टॉक खोला तो स्वेता ऑनलाइन नहीं थी, अब मैं लगातार गूगल टॉक पर उसका इंतजार करता रहा, मेरे रिजल्ट भी आ गए और मैं अच्छे नंबर से भी पास होगया,लेकिन स्वेता का ना ही मेरे पास मोबाइल नंबर था ना ही उसका एड्रेस औरवो गूगल टॉक पर भी नहीं आ रही थी,

 अब मैं क्या करू मेरी कुछ समझ में नहींआ रहा था, स्वेता की वजह से मैं किसीऔर फ्रेंड से भी बात करना बंद कर दियाथा, 2 महीने बीत गए लेकिन स्वेता ऑनलाइन नजर नहीं आयी,मैं खुद से इधर-उधर इंटरव्यू दे कर एक जॉब ज्वाइन कर लिया,आज इस बात को कितने साल बीत गए,लेकिन आज भी मैं स्वेता का इंतजार गूगल टॉक पर करता हूँ, लेकिन वो नहीं मिली।

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